The Feminine mystery

The Feminine mystery

Chapter 6 Insight 1, 2

जिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु तय है, वही सिर्फ मृत्यु के पार हो सकता है जिसका जन्म न हो। अंधकार सदा है, प्रकाश जन्मता और मिट जाता है, अंधकार का कभी अंत नही होता क्योंकि उसका आरंभ नही होता। लाओत्से कहते हैं घाटी की आत्मा अमर है। पर्वत पैदा होते हैं मिट जाते हैं, घाटी न पैदा होती है न मिटती है। घाटी किसी चीज का अभाव है, अंधकार प्रकाश की अनुपस्थिति है। अनुपस्थिति को छूने का कोई उपाय नही। लाओत्से का सारा चिंतन शून्य पर खड़ा है इसलिए उन्होंने इसे स्त्रैण रहस्य का नाम दिया है, जिसे कृष्ण ने गीता में अकर्म कहा है।

जब भी कहीं जन्म होता है तो अंधेरे में बीज फूटता है, जो भी रहस्य का सूत्र होता है छिपे हुए जगत में होता है। अस्तित्व स्त्रैण है, गहरी रहस्यमयी, ग्रहणशील और पूर्ण। जितनी ज्यादा पूर्णता हो,उतनी स्थायी होती है। इसलिए जीवन का परम रहस्य स्त्रैण रहस्य है। स्त्री अंतर्दृष्टि से जीती है, उसका चित्त समग्र है, जैसे अस्तित्व। लाओत्से कहते हैं कि जब अपूर्व धैर्य आ जाए और समय की प्रतीति खो जाए तो चित्त स्रैण हो जाता है।

यह जो न करने द्वारा करने की कला है, इस राज को समझ कर ही जीवन के परम सत्य को पाना संभव है क्योंकि पुरुष की तरह आक्रामक हो कर सत्य को नही जान सकते। बस कोई अपने हृदय के द्वार खोल कर ठहर जाए, ईश्वर तभी प्रवेश कर जाता है। दरअसल अस्तित्व के साथ तादात्म्य उन्ही का होता है जो प्रार्थनापूर्ण प्रतीक्षा को उपलब्ध होते हैं। चाहे पदार्थ का जन्म हो या चेतना का, अस्तित्व की गहराई में जो रहस्य छुपा है, उससे ही सबका का जन्म होता है और अंतिम स्रोत भी वही है। वह अविच्छन्न है, उसकी शक्ति अखंड है।

 

The valley spirit dies not,ever the same, female mystery thus do we name.

It’s gate from which grew heaven and earth.

Long and unbroken does its power remain, use gently without the touch of pain.

Project Details

  • Acrylic on Canvas

  • Round 36" diameter

  • Year 2025