तृतीय चंद्रघंटा
भगवती का तीसरा रूप मां चंद्रघंटा अत्यंत सौम्य और तपे हुए सोने के समान कांतिमय है तथा मस्तक पर अर्धचंद्र विराजमान है। मां चंद्रघंटा की आराधना करने से अहंकार नष्ट होता है और सौभाग्य, शांति और वैभव की प्राप्ति होती है।
Project Details
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Acrylic on Canvas
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Size - A4
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Year 2021