दोहा- 9

धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय।
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।।

कबीर इस दोहे में धैर्य के महत्व को समझा रहे हैं, वे कहते हैं, सब काम धीरे-धीरे, यानी सही समय आने पर ही होता है। उसे जल्दी करने की जि़द में जितना भी अनावश्यक परिश्रम कर लें, वह तभी फलित होगा जब समय और परिस्थितियां उसके अनुकूल होंगी। एक उद्धरण से समझाने का प्रयास करते हुए कहते हैं कि अगर एक छोेटे से पौधे से फल की इच्छा में, एक ही दिन में सौ घड़े पानी डाल दे तो सब व्यर्थ है, क्योंकि पौधा फल उसी ऋतु में देगा जिस ऋतु में फल होने की सभी शर्ते पूरी होंगी।
अत: धैर्य करें सही समय का इंतजार करें

Project Details

  • Pen, ink and acrylic on canvas sheet

  • Size A4

  • Year 2022