फ़कीरी -1

जीवन के जितने नज़दीक रहें सच को महसूसना उतना ही सरल होता है। कई बार भारी भरकम दर्शन और ज्ञान किसी काम के नहीं रहते क्योंकि वह अनुभव से नहीं निकले होते.. और सच्चा ज्ञान वही जो अनुभव से हासिल हो। विचारकों को जानने के क्रम में कबीर मुझे बेहद करीब लगे, यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि उनका अनुभव जीवन की वास्तविकता का दर्पण था और मुझे महसूस हुआ कि इस मुकाम पर उनके साथ चलना खुद तक की मेरी यात्रा का मार्ग प्रशस्त करेगा । जैसा की मैंने पहले भी बताया था कि मेरी अगली सीरीज़ उनके विचारों से अभिप्रेरित होगी, तो यह है उस सीरीज़ और इस वर्ष की मेरी पहली कृति!

झीनी-झीनी बीनी चदरिया
काहे कै ताना काहे कै भरनी, कौन तार से बीनी चदरिया
इडा पिङ्गला ताना भरनी, सुखमन तार से बीनी चदरिया
आठ कँवल दल चरखा डोलै, पाँच तत्त्व गुन तीनी चदरिया
साईं को सियत मास दस लागे, ठोंक ठोंक कै बीनी चदरिया
सो चादर सुर नर मुनि ओढी, ओढि कै मैली कीनी चदरिया
दास कबीर जतन करि ओढी, ज्यों कीं त्यों धर दीनी चदरिया ।।

कबीर कह रहे है, झीनी—झीनी बीनी चदरिया…जिसका अर्थ है कि बड़े जतन और होश से बीनी है चादर। जीवन को जितना जाग कर जीया जाए, उतना ही बारीक और सूक्ष्म जीवन अनुभव होगा और जितना सूक्ष्म अनुभव होगा उतना ही ज्यादा जागना संभव है।
काहे के ताना काहे के भरनी, कौन तार से बिन चदरिया….यह जीवन रूपी जो चादर है, इससे सूक्ष्म इस जगत में और कुछ भी जो न दिखाई पड़नेवाले शरीर को छुपाये हुए है… स्थूल और सूक्ष्म का ताना-बाना है। यह बाहर जो संसार है उससे बड़ा संसार हमारे भीतर है, स्थिर हो कर ही उसे देखा जा सकता है।
आठ कमल और दस हैं इंद्रियों का चरखा है, पांच तत्व हैं, इन सबसे मिल कर वह भीतर की चादर बनी है जिसे ईश्वर बनाने में समय लेता है और वह बहुमूल्य है जिसकी कीमत समझना आवश्यक है। कबीर कहते हैं भोग से चादर मैली हो जाती है चाहे देवता ओढ़ें या मनुष्य सभी उसको मैला कर देते हैं। देवता भोग के कारण मैला कर देते है, मुनि त्याग के कारण और बीच में जो मनुष्य है, उसकी वृत्ति सुबह से रात तक बदलती रहती है।

कबीर कहते है चादर मैली न हो और जैसी ले कर आए थे वैसी छोड़ कर जा सके उसकी एक ही कुंजी है – विवेकपूर्ण रहना, जागृत चेतना के साथ। जो भी कार्य अपेक्षित है या हमारा कर्तव्य है उसे करना है ,जो नियति है उसे स्वीकार कर के, लेकिन करते समय कर्ता नहीं साक्षी बन कर। यह मुक्ति की अवस्था है। जो मिला है, उसे वैसा ही वापस कर देना…बिना विकृत किए!

Project Details

  • Acrylic on Canvas

  • Size : 36x 46 inches

  • Year 2023