My Gita -2
गीता का दिव्य ज्ञान सबसे पहले योग विद्या से सूर्य विवस्वान को दिया गया था। चौथे, पांचवें और छठे अध्यायों का सार यह है कि जब मन पूरी तरह से कृष्णभावनामृत में निमग्न रहता है तो उसे समाधि कहते हैं। ऐसी दिव्य चेतना में किया गया कोई भी कार्य यज्ञ कहलाता है। आध्यात्मिक चेतना की इस स्थिति में योगदानकर्ता, योगदान, उपभोग, यज्ञकर्ता और अंतिम फल सब परब्रह्म में एकाकार हो जाते हैं। मन और इंद्रियों को वश में कर आत्मसाक्षात्कार करना, कठोर व्रत (अन्न, जल, विभिन्न यम- नियम, स्वाध्याय,आसन, ज्ञान तथा इंद्रियनिग्रह योग ) सभी यज्ञ का ही रूप हैं। ज्ञानी पुरुष दिव्य ज्ञान की अग्नि से शुद्ध हो कर बाहृतः सारे कर्म करता है किंतु अंतर में उन कर्मों के फल का परित्याग करता हुआ आध्यात्मिक दृष्टि से शांति और आनंद प्राप्त करता है। अष्टांग योग मन तथा इंद्रियों को नियंत्रित कर ध्यान को परमात्मा पर केंद्रित करता है। इस विधि की परिणति समाधि में होती है।
Chapter 4
GYAN KARM SANYAS YOG (दिव्य ज्ञान)
(Ending action in knowledge)
Importance of yagya the sacrifice
1.Yagya with sense organs eyes and ears offers in Fire of restrain
2.Offerings of senses in the fire of body celibacy
3.Sacrifice of desires in the restrain power of will power
4. Controlling diet and sacrifice in the fire of digestive system
5. Sacrifice with breath through pranayam
6. Study of scriptures, practice of yoga, giving alms ( dravya,daan,tap,swadhaya) also considered sacrifice
Remnant of sacrifice is equal to nectar.
Every action in commemoration of the supreme is yagya.
Msg: Every act can be the act of prayer
Chapter 5
KARM SANYAS YOG (कृष्ण भावनाभावित कर्म)
(True renunciation)
Karm yogis do karma for purifying their inner self. With restrain of senses and by doing duty like witness. Wisdom destroys ignorance and god awareness arises.
Msg: karma (cause and consequences)
Renounce the ego, rejoice in the bliss of infinity.
Chapter 6
ATMASANYAM YOG (ध्यान योग)
(Yoga of meditation)
By practice and dispassion mind can be restrained and controlled to the desired level. Meditation cleans the yogi from past impurities of karma.
Msg: Dharma ( Appropriate conduct)
Connect to the higher consciousness daily.
Project Details
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Acrylic on Canvas
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Size: 36 x 48 inches
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Year 2022