दोहा- 2

समय चक्र कभी एक सा नही रहता, जो आज है कल मिट्टी में विलीन हो जाएगा तो अहंकार किस बात का? जन्म सिर्फ मृत्यु का छिपा हुआ चेहरा है!

माटी कहे कुम्हार से, तु क्या रौंदे मोय
एक दिन ऐसा आएगा मैं रौंदूगी तोय ।।

Project Details

  • Pen, ink and acrylic on canvas sheet

  • Size A4

  • Year 2022