Awakening-2

देह के पोखर में तिरती हैं
सैकड़ों मीन
इच्छाओं की
आकांक्षाओं की स्मृतियों की
स्वप्नों की राग विराग की
वह देखता है उन्हें निर्बाध
और तिरने देता है
छूता नहीं
छूने से बाधित हो सकती है लय
उनका नाद भेदता है कानों को
फिर भी वह सुनता है
चुभता है वेग उनका
दंशित होती है त्वचा
वह चुप बैठा रहता है
उसकी चुप्पी अंकुरित होती है
फूलों में और आकाश के नीले रंग में!
~अंतरा

Project Details

  • Acrylic on Canvas

  • Size 48x 48 inches

  • Year 2022